बॉलीवुड की चमक धमक की दुनिया में जब हम सितारों को देखते हैं, तो मानो लगता है कि इनकी ज़िंदगी पहले से ही खुशहाल रही होगी, लेकिन असल में ऐसा कुछ भी नहीं होता। कुछ सितारों को पारिवारिक एप्रोच होने के चलते इस इंडस्ट्री में जल्दी काम मिल जाता है, लेकिन कुछ सितारे ऐसे भी होते हैं जिनको शुरुआती दिनों में बार-बार असफलता का सामना करना पड़ता है। आज हम उन सितारों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपने कड़े संघर्ष के बाद बॉलीवुड में अपनी सफलता की इबारत लिखी।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी
नवाजुद्दीन सिद्दीकी बॉलीवुड इंडस्ट्री के उभरते हुए सितारों में एक हैं, उनकी एक्टिंग का आज हर कोई दिवाना है। नवाजुद्दीन किसान परिवार से आते हैं और फिल्म इंडस्ट्री में उनका कोई गॉडफादर नहीं रहा। फिल्मों में आने से पहले उनकी आर्थिक स्थिति सही नहीं थी, परिवार की आर्थिक जरूरतों के चलते उन्हें चपरासी और केमिस्ट की दुकान तक में काम करना पड़ा।
लेकिन कहते हैं, जिसको जहां पहुंचना हो, भगवान उसे वहां उसकी मंजिल तक पहुंचा देते हैं। साल 1996 में नवाजुद्दीन ने ‘नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा’ में एडमिशन लिया, वहीं से उनकी मंजिल का पहला रास्ता खुल गया, उन्हें अमीर खान की फिल्म ‘सरफरोश’ में एक छोटा किरदार मिला, जो मात्र 30 सेकंड का था।
इस रोल में उन्हें ज्यादा पहचान नहीं मिली, इसके बाद उन्होंने ‘शूल’, ‘जंगल’, ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ जैसी फिल्मों में भी छोटे रोल में नजर आये। इनकी एक्टिंग का सिलसिला यूं ही सालों तक बरकरार रहा, फिर उन्हें फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ में काम करने का मौका मिला, इस फिल्म ने उनकी बॉलीवुड में अलग पहचान बना दी। आज नवाजुद्दीन बॉलीवुड में एक से एक हिट मूवीज में काम कर रहे हैं।
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अनिल कपूर
बॉलीवुड के मिस्टर इंडिया कहे जाने वाले और झक्कास एक्टर अनिल कपूर पिछले चार दशकों से बॉलीवुड में एक बढ़कर एक हिट फिल्मों में काम कर रहे हैं। आज भी अनिल कपूर फिटनेस के मामले में बड़ों-बड़ों को मात देते हैं उन्हें सदाबहार हीरो कहना गलत नहीं होगा। अनिल बॉलीवुड के सफल अभिनेताओ में से एक है, लेकिन एक जमाना ऐसा भी था जब अनिल के पास रहने के लिए घर तक नहीं था।
ये बात उनके शरुआती दिनों की है जब वह मुंबई आए थे, उन्हें राज कपूर के गैराज में अपनी फैमिली के साथ रहना पड़ा था। अनिल का शरुआती संघर्ष काफी मुश्किलों भरा रहा है लेकिन फिल्म ‘वो सात दिन’ में उन्हें बड़ा ब्रेक मिला, उस फिल्म से उनकी बॉलीवुड में अलग ही पहचान बन गई उसके बाद उन्होंने ज़िंदगी में कभी मूड के पीछे नहीं देखा। आज अनिल बॉलीवुड में एक बड़ा नाम हैं।
बोमन ईरानी
बोमन ईरानी बॉलीवुड के सबसे पसंदीदा अभिनेताओ मे से एक हैं, उन्हें अलग-अलग किरदारों में जबरदस्त एक्टिंग के लिए जाना जाता है, चाहे वह थ्री इडियट्स के खडूस प्रोफेसर का रोल हो या मुन्ना भाई MBBS के डॉक्टर का। बोमन ईरानी बॉलीवुड में अपना ऊंचा मुकाम हासिल कर चुके हैं, बता दें, बोमन का शुरुआती सफर काफी संघर्ष भरा रहा है। बचपन में ही उनके पिता का निधन हो गया, घर का खर्चा चलाने के लिए उनकी माँ बेकरी शॉप चलती थी और वो भी उनका काम संभलते थे, बाद में बोमन ने मुंबई के ताज होटल में एक वेटर की जॉब की।
फिल्मों में आने से पहले बोमन फोटोग्राफी में नाम कमाना चाहते थे। जनून के चलते उन्होंने फोटोग्राफी के साथ-साथ थिएटर भी किया, और दोनों में खूब नाम कमाया। जब बोमन 35 साल के थे, फिल्ममेकर विधु विनोद चोपड़ा उनका प्ले देख काफी हेरान हुए और उन्हें एक फिल्म का ऑफर दिया वो फिल्म थी “मुन्ना भाई एमएमबीबीएस “, इस फिल्म ने उन्हें मशहूर कर दिया।
अरशद वारसी
अरशद वारसी ने बॉलीवुड में अपनी अलग ही पहचान बनाई है और अपने अलग-अलग किरदारों में जबरदस्त एक्टिंग कर दर्शकों के में जगह बनाई है। इस मुकाम तक पहुंचना उनके लिए इतना आसान नहीं था, बचपन में ही उनके सिर से माता-पिता का साया उठ गया।
उसके बाद आर्थिक निर्वाह करना मुश्किल हो गया उसके लिए उन्होंने लोकल बसों में नाखुन पोलिश और लिपस्टिक बेचने तक का काम किया। उनकी बॉलीवुड में एंट्री फिल्म “तेरे मेरे सपने” के मुख्य रोल से मिली, इस फिल्म के बाद उनकी किस्मत खुल गई, फिर उन्होंने कभी लाइफ पीछे मूड के नहीं देखा।
संजय मिश्रा
एक्टर संजय मिश्रा आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं, उन्हें कोई भी किरदार मिले खुद को उस किरदार में ढाल लेते है, उनकी फिल्मों में एक्टिंग काबिले तारीफ है। पिता के गुजर जाने के बाद उन्होंने बॉलीवुड को अलविदा कह दिया था और एक छोटे से ढाबे में काम करते थे। डायरेक्टर रोहित शेट्टी नेउन्हें ढूंढा और उन्हे दोबारा फिल्मों में काम करने को प्रोत्साहित किया। उसके बाद उन्होंने अपनी एक्टिंग से अपने दर्शकों का दिल खुश कर दिया और ढेर सारी फिल्मों मे कॉमेडी से अपनी अलग पहचान बनाई।
इरफान खान
इरफान खान आज किसी भी पहचान के मोहताज नहीं है, आज वो हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके द्वारा निभाए किरदार और फिल्मे उनके जिंदा होने का आज भी एहसास करवाती हैं। उनका सफर भी इस मुकाम तक काफी संघर्ष भरा रहा, उन्हें शरुआत में टीवी सीरियल में छोटे-मोटे रोल मिल करते थे, आठ-आठ दिन तक कोई डायलॉग्स तक नहीं मिलते थे। लेकिन 2001 में आई फिल्म ‘द वारियर’ में उन्हें काम करने का ऑफर मिला, इस फिल्म मे इन्होंने शानदार काम किया, और उसके बाद रुके नहीं अपनी एक्टिंग का लोहा उन्होंने हॉलिवुड तक मनवाया।
गुलशन कुमार
गुलशन कुमार आज हमारे बीच में नहीं हैं लेकिन उनके भक्ति गीत आज भी हमारे बीच शामिल हैं। गुलशन कुमार ने अपने दम पर टी-सीरीज कंपनी को बॉलीवुड की ऊंचाई तक पहुंचाया। बता दें, गुलशन कुमार अपने पिता के साथ दिल्ली के दरियागंज बाजार में फलों के जूस की दुकान चलाया करते थे। उसके बाद धीरे-धीरे उन्होंने इंडियन म्यूजिक इंडस्ट्री में कदम रखा और कामयाबी हासिल की।