चंबा हिमाचल प्रदेश का बेहद खूबसूरत टूरिस्ट प्लेस है, जो रावी नदी के तट और साल नदी के संगम में बसा एक छोटा सा शहर है। जो समुद्र सतह से 1,006 मीटर की ऊंचाई पर स्थित लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में मशहूर है। चंबा धौलाधार की पहाड़ियों और ज़ांस्कर पर्वतमाला के चौराहे पर बसा है, यहां से जम्मू और कश्मीर की सीमा आरंभ होती है। यह देवदार के ऊंचे वृक्षों, बर्फ से ढके पहाड़ों और हरी-भरी घाटियों के बीच घिरा हुआ है।
अपने प्राकृतिक सौंदर्य से बड़ी संख्या में सेलनियों को अपनी और आकर्षित करता है। गर्मियों के लिए तो यह बेस्ट टुरिस्ट प्लेस है ही। मानसून और सर्दी में भी यह दर्शनीय स्थल है। सर्दियों में यहां जम के बर्फ गिरती हैं, तब पर्यावरण बर्फ की सफेद चादर औढ लेता है। दिल्ली से चंबा की दूरी करीब 578.4 किमी है, पहुँचने में लगभग 12 से 13 घंटे आसानी से लग जायेगे। चलिए जानते हैं चंबा की खूबसूरत जगहों के बारे में:
मणिमहेश झील – Manimahesh Lake
मणिमहेश झील चंबा की खूबसूरत झीलों में से एक है, यह झील हिन्दुओ हिंदू तीर्थ यात्रा स्थल है, यह झील भगवान शिव को समर्पित है और उनके 7 कैलाशों में से एक है। समुद्र तल से 4080 मीटर की ऊंचाई में, यह झील कैलाश पर्वत की तलहटी में स्थित है। मणिमहेश झील को भगवान शिव का निवास स्थान है, पूरे भारतवर्ष से मानसून के महीने में शिव का आशीर्वाद लेने के लिए भक्त आते हैं, इस यात्रा को मणिमहेश यात्रा कहा जाता है, अगस्त और सितंबर महीने में इस यात्रा का आयोजन किया जाता है। झील चारों तरफ से ऊंचे-ऊंचे सुंदर पहाड़ों से घिरी है, यहां आकर अलग ही शांति का अनुभव प्राप्त होता है।
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कालाटॉप वाइल्डलाइफ सेंचुरी – Kalatop Wildlife Sanctuary
हिमाचल प्रदेश में खजियार और डलहौजी की पहाड़ियों में स्थित कालाटॉप वाइल्डलाइफ सेंचुरी एरिया है जो लगभग 30.9 वर्ग में फैला हुआ है। यह चारों और से देवदार के पेड़ों से घिरा है, यहां तरह-तरह के जानवर देखने को मिलेगे। हाइकिंग और ट्रैकिंग के शौकीन लोगों के लिए यह परफेक्ट जगह है।
यहां आपको कई प्रकार के जंगली जानवर और पक्षी देखने को मिल जायेगे जैसे कि सियार, लंगूर, तेंदुआ, हिमालयन ब्लैक मार्टेन, हिरण और भालू इत्यादि और पक्षियों में यूरेशियन जे और ग्रे-हेडेड कैनरी जैसे कई इंडिजियस जैसी प्रजाती देखने को मिल जाएगी। इसके खुलने का समय सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक का है, आपको इसमे एंट्री के लिए 250 रुपए का भुगतान करना होगा। मार्च से मई के महीनों को यहां घूमने का आदर्श समय माना जाता है।
चामुंडा देवी मंदिर – Chamunda Devi Temple
बर्फ से ढकी पहाड़ियों और बानेर नदी के तट पर बसा चामुंडा देवी मंदिर माता चामुंडा देवी मंदिर को समर्पित है। यह मंदिर 300 साल पुराना है जो पूरी तरह से लकड़ी का बना है। राजा उमेद सिंह ने बानेर नदी के तट पर इस भव्य मंदिर का निर्माण करवाया था।
यह मंदिर पथियार और लाहला के जंगलों के बीच स्थित यह मंदिर अपनी मनमोहक सजावट और आकर्षक वास्तुकला के लिए जाना जाता है। यदि आप चंबा घूमने का प्लान बना रहे हो तो, इस मंदिर में माता के दर्शन और यहां के आसपास के प्राकर्तिक दृश्यों को जरूर देखें।
रंग महल – Rang Mahal
रंग महल चंबा के मशहूर दर्शनीय स्थलों में से एक है, इसे 18वीं शताब्दी में राजा उम्मेद सिंह ने बनवाया था। रंग महल में ब्रिटिश और मुगल वास्तुकला का शानदार नमूना प्रदर्शित करता है। यह चंबा का सबसे बड़ा स्मारक है, जिसके अंदर की दीवारों को वॉल पेटिंग से सजाया गया है।
वर्तमान में इस स्मारक को ‘एम्पोरियम हाउस’ बना दिया गया है, यह सुबह 10 बजे से 1 बजे तक और दोपहर 2-5 बजे तक खुलता है और रविवार को बंद रहता है। यहां से आप हाथ से बनाई शॉल, रूमाल, चप्पलें, फैब्रिक , जूते की शॉपिंग कर सकते हैं।
लक्ष्मी नारायण मंदिर – Laxmi Narayan Temple
लक्ष्मी नारायण मंदिर चंबा का सबसे पुराना और प्रसिद्ध स्थानों में है, यह मंदिर बड़ा और शिखर के आकार का बना है। राजा साहिल वर्मन द्वारा 10वीं शताब्दी में निर्मित इस मंदिर में भगवान विष्णु और शिव की छह अलग मूर्तियाँ हैं। यह मंदिर यहां के लोगों की आस्था का केंद्र है और बड़ी संख्या में लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर के मुख्य द्वार पर गरुड़ की एक धातु की छवि के साथ भक्तों का स्वागत किया जाता है।
चमेरा झील – Chamera Lake
चमेरा झील डलहौजी के पास चंबा जिले में स्थित प्राचीन और लोकप्रिय स्थलों में से एक है। झील डलहौजी से लगभग 25 किमी की दूर है जो चमेरा बांध द्वारा निर्मित एक जलाशय है। यह झील चंबा के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है यहां अक्सर पर्यटकों की बड़ी संख्या में भीड़ देखने को मिलती है। झील चारों और से लंबे पेड़ों और सुंदर घाटियों से घिरी हुई है। प्राकृतिक दृश्यों के अलावा, झील स्पीड बोटिंग जैसी कई रोमांचक एक्टिविटी भी प्रदान करती है।
थाला झरना – Thala Waterfall
थाला झरना चम्बा के पास भरमौर से 10 किमी की दूरी पर स्थित, बेहद सुंदर झरना है। आप यहां आसानी से पैदल आ सकते हैं, यह बारह महीने बहते रहने वाला झरना है। यह झरना थाला ब्रिज से दूरी 100 मीटर की दूरी पर है। थाला झरना से 1 किमी की दूरी पर छन्दू झरना और घरेड़ झरना भी मौजूद है। प्राकृतिक सौन्दर्य से घिरा यह झरना पिकनिक मनाने के लिए भी उचित स्थान है।