मैक्लोडगंज में घूमने लायक बेहतरीन स्थल, जो बनाते है आपकी यात्रा को और भी ख़ास

हिमाचल के कांगड़ा जिले में हिमालय की धौलाधार रेंज़ में स्थित धर्मशाला का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। धर्मशाला कांगड़ा से 8 किमी की दूरी पर बसा एक खूबसूरत हिल स्टेशन के रूप में अधिक मशहूर है। धर्मशाला अपने शांत वातावरण और अपनी ऊंची घाटियों के लिए जाना जाता है।

समुद्र तल से 1475 मीटर की ऊंचाई पर स्थित धर्मशाला तिब्बती शरणार्थियों के धर्मगुरु दलाई लांबा के पवित्र निवास के लिए भी प्रसिद्ध है। साल भर दुनियाभर के लाखों सेलानी यहाँ घूमने के लिए आते हैं और यहाँ की शानदार पहाड़ियों और कल कल करती नदियों के मुरीद हो जाते हैं।

यहाँ आप घूमने के साथ ट्रेकिंग, पैराग्लाइडिंग, वॉटरफॉल, रोपवे इत्यादि एक्टिविटी का मज़ा उठा सकते हैं। धर्मशाला पहुँचने के लिए आप निजी वाहन, बस, ट्रेन, एयरप्लेन इत्यादि की सुविधा से यहाँ पहुँच सकते हैं। धर्मशाला बेशक गर्मी के लिए तो बेहतर हिल स्टेशन है ही, लेकिन मानसून के मौसम के बाद सर्दीयों में भी यहाँ आया जा सकता हैं, सर्दीयों में यहाँ पर्यटक बर्फ का आनंद उठने के लिए आते हैं। आज हम आपको धर्मशाला की उन जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आपको अपनी यात्रा का बेहतर अनुभव मिलगा।

त्रियुंड हिल, धर्मशाला – Triund Hill, Dharamshala

त्रियुंड धर्मशाला का मुकुट कहा जाने वाला, धौलाधार की पहाड़ियों में बसा सुंदर स्थल है। ट्रेकर्स और एडवेंचर के शौकीनों के लिए यह स्थल किसी स्वर्ग से कम नहीं है। धर्मशाला से यह 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह स्थल ढलान वाली पहाड़ियों से घिरा हुआ है। त्रियुंड ट्रैकिंग और कैम्पिंग के लिए भी लोकप्रिय है, दुनियाभर से हजारों पर्यटकों को यह स्थल अपनी ओर आकर्षित करता है। यहाँ पहुँचने के लिए एक छोटा सा ट्रेक है जिसे लगभग सभी आयु के लोग चलकर तय कर सकते हैं।

आपका यह ट्रेक गलू से शुरू होता है या तो आप मक्लोडगंज से भी यहाँ ट्रेक द्वारा आ सकते हैं। स्वच्छ हवा और प्राकृतिक वातावरण के शौकीन पर्यटकों के लिए त्रियुंड एक अच्छा विकल्प है, जो शहरों के शोर-शराबे से दूर शांति के कुछ पल बिताना चाहते हैं। रात को, आप यहाँ टेंट में रुक कर इस सुंदर स्थल की नैचुरल ब्यूटी का आनंद ले सकते हैं। जनवरी और फरवरी में बर्फ पूरे पहाड़ों को अपनी सफेद चादर से ढ़क देती है, जिससे यहाँ का दृश्य और भी आदर्श हो जाता है।

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भागसू वॉटरफॉल, धर्मशाला – Bhagsu Waterfall, Dharamshala

भागसूनाग झरना धर्मशाला के प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में से एक है। गर्मियों में, यह झरना लाखों पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है, और पर्यटक यहाँ घंटों बैठकर समय बिताते हैं। पानी के बीच अठखेलियां करने व चुभन भरी गर्मी से राहत पाने के लिए, सेलानी इस झरने की और रुख करते हैं।

झरने के पास ही, भागसू नाग मंदिर भी स्थित है, जिसके लिए बेहतर रास्ता बना हुआ है। यहाँ आने वालों के लिए यह मंदिर भक्तों के लिए आस्था का प्रतीक है। यहाँ आकर आप मंदिर और झरने के ठंडे पानी का आनंद ले सकते हैं, और प्रकृति को करीबी से निहार सकते हो।

मैक्लोडगंज रोपवे,धर्मशाला – McLeodganj Ropeway, Dharamshala

मैक्लोडगंज रोपवे सेलानियों के लिए की जाने वाली एक अलग ही एक्टिविटी है। धर्मशाला से मैकलोडगंज के लिए सड़क मार्ग द्वारा 45 मिनट का समय लगता है, वहीं इस रोपवे में यह दूरी 5 मिनट में तय हो जाती है। रोपवे की यात्रा से आप ऊपर से धर्मशाला की खूबसूरती, जंगलों, आसपास की हरी-भरी हरियाली के शानदार नजरों को निहार सकते हैं।

धर्मशाला से मैक्लोडगंज तक इस रोपवे की लंबाई 1.8 किमी है। यहाँ से आप हवाई फोटो खींचकर नजरों को अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं। रोपवे में आपको वन साइड का, 300 रुपये का भुगतान करना पड़ता है और वहीं दोनों साइड का 500 रुपये का भुगतान करना पड़ता है।

क्रिकेट स्टेडियम, धर्मशाला – Cricket Stadium, Dharamshala

धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम समुद्रतल से 1457 मीटर की ऊंचाई पर धौलाधार की पहाड़ियों के बीच घिरा अपनी खूबसूरती के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। इस स्टेडियम में 23 हजार दर्शकों को बैठने का शानदार आयोजन है। स्टेडियम में आकर मैदान की खूबसूरती के साथ धौलाधार की ऊंची पहाड़ियों के अद्भुत नजारों को देखने का भी मज़ा ले सकते हैं।

दलाई लामा का मंदिर, धर्मशाला – The Dalai Lama’s Temple

यदि आप धार्मिक आस्था में विश्वास रखने वाले व्यक्ति हैं, तो धर्मशाला में दलाई लामा का मंदिर आपके लिए उचित विकल्प होगा। त्सुगलगखांग के नाम से प्रसिद्ध मंदिर, जो दलाई लामा के स्थायी निवास स्थान के रूप में प्रसिद्ध है। यह धार्मिक स्थल, तीर्थयात्रियों, भिक्षुओं, और देश-विदेश के यात्रियों को अपनी और आकर्षित करता है।

यहां आपको बुद्ध की विशाल मूर्ति देखने का अवसर मिलेगा, जिसमें सोने का पानी चढ़ा हुआ है। इसके अलावा, मंदिर में एक सोने का प्रार्थना चक्र भी है, जो हर समय ‘ओम मणि पद्मे हुम’ का जाप करता रहता है। मंदिर में आपको शांति का अनुभव होगा और तिब्बती संस्कृति का अनुभव करने का अवसर मिलेगा, साथ ही दलाई लामा के दर्शन भी होंगे।

मिंकियानी दर्रा, मैक्लोडगंज – Minkiani Pass, Mcleodganj

धौलाधार पर्वतमाला के लुभावने परिदृश्यों में बसा मिंकियानी दर्रा एडवेंचर पसंद करने वाले पर्यटकों के लिए जन्नत से कम नहीं है। यहां एक अनोखे रोमांच की तलाश करने वाले ट्रैकिंग शौकीन के लिए यह जगह स्वर्ग में छिपे हुए रत्न की तरह है।

यदि आप फोटोग्राफी के शौकीन हैं, तो यह जगह आपकी फोटोग्राफी के लिए उचित है, आप यहां की हरी-भरी वनस्पतियों, वन्यजीवों, पक्षियों को अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं। इस ऊँचाई वाले पहाड़ी दर्रे ने आपको चुनौतीपूर्ण ट्रैकिंग का अनुभव करने का अवसर मिलता है।

करेरी झील, कांगड़ा – Kareri Lake, Kangra

करेरी ताजे पानी की खूबसूरत झील है, यह मैक्लोडगंज से काफी नजदीक है और पर्यटकों के लिए आकर्षक जगह है। करेरी झील का पानी दिसंबर से मार्च-अप्रैल तक बर्फबारी से जमा रहता है। गर्मियों के आगमन में, ये झील पिघल जाती है और एक दम साफ जल का प्रवाह होता है। पर्यटक यहाँ आकर झील की सुंदरता को देख सकते हैं और इसके आसपास के सुंदर देवदार के पेड़ों की फोटोग्राफी कर सकते हैं। झील के आसपास का प्राकृतिक परिदृश्य मन को मोह लेता है।

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